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चंदेरी-:बंदर के काटने से चंदेरी में लोग हो रहें परेशान, न्यायालय तक पहुंचा मामला। The state halchal News

चंदेरी-:बंदर के काटने से चंदेरी में लोग हो रहें परेशान, न्यायालय तक पहुंचा मामला। The state halchal News

चंदेरी - शहर में बंदरों की बढ़ती संख्या के चलते शहर में बंदरों के काटने की घटनाएं लगातार बढ़ रही है। बंदरों के काटने से रोजाना करीब 8 से 10 मामले हो रहे हैं कस्बे में बंदरों के काटने से दस से अधिक लोगों की मौत भी हो चुकी है वहीं कई लोग घायल हो चुके हैं नगर में आए दिन बंदरों और कुत्तों के काटने का डंस लोगों को झेलना पड़ रहा है शहर में इस तरह के मामले रोजाना आ रहे हैं। इसके बाद भी प्रशासनिक अमला और संबंधित विभाग के अधिकारी लगाम लगाने में नाकाम साबित हो रहे हैं विडंबना यह है कि सरकारी अस्पताल में भी बंदरों के काटने का रेबीज इंजेक्शन का टोटा पड़ जाता है और मरीज को समय पर इंजेक्शन ना मिलने के कारण कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसके लिए शासन स्तर पर किसी प्रकार की राहत नहीं दी जा रही है।
आज दिनांक 13/9/2024 को वादी फीरोज खान पठान ने व्यवहार न्यायालय चंदेरी में एक वाद प्रस्तुत किया जिसमें मांग की गई है मेरे आठ वर्षीय पुत्र हारिस पठान को दिनांक 30 मई को बंदरो ने हमला कर दिया था तथा बंदरों ने उसे पैर में काट लिया था जिसका उपचार सिविल अस्पताल चंदेरी में करवाया गया तथा हारिस को रैवीज विरोधी इंजेक्शन समय समय पर लगवाए गए। बंदर के अचानक हमला कर गंभीर क्षति कर देने से आतंकित हारिश पठान अत्यधिक आतंकित हो गया तथा बीमार हो गया था। जिसकी क्षतिपूर्ति हेतु तीन महीने पहले संबंधित विभागों को वैधानिक नोटिस वादी के अधिवक्ता द्वारा दिए गए थे जिसमें बताया गया था कि वादी को क्षतिपूर्ति तथा बंदरों के आतंक से चंदेरी को निजात दिलाया जाए जो उनका अधिकार है और आपका कर्तव्य है पर आज दिनांक तक कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो मजबूरन वादी फीरोज खान पठान निवासी चंदेरी को न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ा। आज न्यायालय परिसर में वादी के अधिवक्ता इदरीश खान पठान ने बताया कि बंदर एक जंगली पशु है जिसके काट लेने पर रैबीज जैसी गंभीर बीमारी हो जाती है तथा बंदर का काटना मानव जीवन के लिए अत्यधिक कष्टकारी है। तथा चंदेरी नगर पालिका परिषद क्षेत्र में वन विभाग का कार्यालय होकर वन परिचय अधिकारी एवं अत्यधिक पर्याप्त संख्या में कर्मचारी पदस्थ है नगर चंदेरी में वन विभाग की सीमा है। वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की धारा 2 के  अनुसार प्रत्येक स्तनधारी पक्षी रंगने वाली जल तथा जमीन पर रहने वाले मछली अन्य बिना रीढ़ के प्राणी तथा उनके अंडे एवं बच्चे वन्य पशु हैं। तथा वन्य पशुओं का निवास जंगल है किंतु प्रतिवादी जो वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी हैं तथा उन्हें सहायता के लिए शासन द्वारा पर्याप्त संख्या में कर्मचारी उपलब्ध कर रही है का कर्तव्य है कि वनों की रक्षा करें जिसके कारण वन्य पशु सुरक्षित जंगल में विचरण कर सके किंतु वन विभाग द्वारा अपने कर्तव्यों का पालन नहीं किया जा रहा है जिसके कारण जंगल नष्ट हो रहे हैं तथा वन्य प्राणी जंगल छोड़कर नगरी सीमा में प्रवेश कर मानव जीवन को हानि उत्पन्न कर रहे हैं। वन परिक्षेत्र अधिकारी तथा वन अधिकारियों के यह तथ्य ज्ञान में है कि नगर चंदेरी में बंदर अत्यधिक मात्रा में है तथा लगातार उत्पात कर जनहानि तथा धन हानि कर रहे हैं। वन परिक्षेत्र अधिकारी एवं वन कर्मचारियों ने अपने कर्तव्यों का पालन नहीं किया तथा वन विभाग के कर्मचारियों की अपेक्षा एवं कर्तव्यों का पालन नहीं करने के कारण नगर में लगातार बंदरों द्वारा जनहानि एवं धन हानि की जा रही है  चंदेरी के प्रत्येक घरों में बंदरों का आतंक है।
अधिवक्ता इदरीश खान पठान ने यह भी बताया कि नगर पालिका परिषद चंदेरी की सीमा में वादी का भवन है। तथा वादी द्वारा नगर पालिका परिषद चंदेरी को समस्त करो का भुगतान किया जाता है नगर पालिका परिषद का गठन लोक कल्याण तथा नगर की व्यवस्थाओं के लिए किया गया था मध्य प्रदेश नगर पालिका अधिनियम की धारा 254 के अंतर्गत के नगर पालिका परिषद का कर्तव्य है कि नगरपालिका का क्षेत्र में उत्पन्न होने वाला न्यू सेंस बंद करें जिसके लिए नगर पालिका परिषद द्वारा नागरिकों से कर वसूल किया जाता है नगरपालिका परिषद चंदेरी में पर्याप्त मात्रा में कर्मचारी है लंबे समय से नगरी क्षेत्र में बंदरों तथा कुत्तों एवं पशुओं द्वारा उत्पात कर न्यू सेंस उत्पन्न किया जा रहा है बंदरों कुत्तों एवं पशुओं के आतंक से नगर में कई व्यक्तियों की मृत्यु हो गई है प्रत्येक वर्ष नगर में 1000 से अधिक व्यक्ति को बंदरों को पत्तों द्वारा काटकर उपहति कारित की जा रही है। मध्य प्रदेश नगर पालिका अधिनियम की धारा 252 के अनुसार नगर पालिका का कर्तव्य है कि कुत्तों की व्यवस्था करें तथा धारा 254 के अनुसार पशुओं के व्यवस्था करने के उपबंध है नागरिकों द्वारा कई बार आवेदन देने पर भी नगर पालिका ने आज तक बंदरों कुत्तों या निराश्रित पशुओं की कोई व्यवस्था नहीं की है जबकि नगर में अत्यधिक मात्रा में निराश्रित पशु कुत्ते व बंदर विचरण करते हैं। तथा मानव जीवन को हानि पहुंचाते हैं तथा धन हानि व जनहानि करते हैं किंतु नगर पालिका परिषद चंदेरी द्वारा अपने कर्तव्यों का अवहेलना करते हुए निराश्रित पशु का बंदर व कुत्तों से नागरिकों की सुरक्षा नहीं की जा रही है नगर पालिका परिषद का उक्त कृत्य घोर अपकृत्य  है। तथा नगर पालिका परिषद की गंभीर उपेक्षा व कर्तव्य की अवहेलना है। यदि नगर पालिका परिषद एवं वन विभाग द्वारा अपने कर्तव्यों का पालन किया जाता तो वादी के पुत्र को बंदर द्वारा काट कर क्षति नहीं पहुंचाई जाती ऐसी स्थिति में वादी के पुत्र को बंदर के काटने से क्षति व उससे उत्पन्न क्षति के लिए नगर पालिका परिषद व वन विभाग उत्तरदाई है वह क्षतिपूर्ति प्रदान करने हेतु भी उत्तरदाई है नगर पालिका द्वारा बंदरों को पड़कर जंगल में छुड़वाने की प्रावधान है वह पूर्व में नगर पालिका द्वारा ऐसा किया गया है बंदरों को पड़कर जंगल में छोड़ा गया है।
आज इसी संदर्भ में न्यायालय में जिलाधीश जिला अशोकनगर वन मंडल अधिकारी, अशोकनगर तहसीलदार चंदेरी, वन परीक्षेत्र अधिकारी चंदेरी एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारी चंदेरी को प्रतिवादी बनाकर वाद प्रस्तुत किया गया जिसमें मांग की गई की वादी को इन विभागों से उचित क्षतिपूर्ति दिलवाई जाए वह शहर चंदेरी को इन विभागों को निर्देशित किया जाए की इन बंदरों से मुक्ति दिलाई जाए व निराश्रित पशु और कुत्तों की उचित व्यवस्था की जाए। इस मौके पर अधिवक्ता इदरीश खान पठान ने यह भी बताया कि इन निराश्रित पशु कुत्ते और बंदरो से जुड़े कोई भी जनहित से जुड़े मुद्दे पर न्यायालय में वाद प्रस्तुत करने के लिए शहर चंदेरी के किसी भी व्यक्ति द्वारा की जाती है तो मैं निशुल्क यह जनसेवा करुंगा और चंदेरी के जागरूक नागरिकों से अपील भी की कि आप आगे आकर इस जनहित से जुड़े मुद्दे पर अपनी पहल कीजिए और शहर चंदेरी इन पशुओं से मुक्त कराएं।
आज न्यायालय परिसर में वाद प्रस्तुत करते समय पठान ला चेम्बर्स के समस्त अधिवक्ता और मीडिया के साथी भी उपस्थित थे
संवाददाता - राकेश बैरसिया चंदेरी, जिला अशोकनगर (मध्यप्रदेश) 

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