गोटेगांव-: राजनीतिक और सामाजिक परिदृश्य में स्वर्गीय मणिनागेंद्र सिंह, जिन्हें सभी स्नेहपूर्वक "मोनू भैया" कहते थे, जिनका योगदान अद्वितीय है। 28 दिसंबर को उनका जन्मदिवस है, और इस अवसर पर उन्हें याद करते हुए उनके समर्थक,मित्र और चाहने वाले उनकी उपलब्धियों और योगदानों को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं
मोनू भैया का परिचय और पृष्ठभूमि
स्वर्गीय मोनू भैया का जन्म एक प्रतिष्ठित राजनीतिक परिवार में हुआ था। वे कैबिनेट मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल के भतीजे और पूर्व राज्यमंत्री जालम सिंह के पुत्र थे। उनके परिवार की राजनीतिक विरासत और सामाजिक सेवा के प्रति प्रतिबद्धता ने मोनू भैया को भी समाजसेवा के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया।
हालांकि, मोनू भैया को किसी परिचय की आवश्यकता नहीं थी। उनके व्यवहार और कार्यों ने उन्हें जन-जन के दिलों में स्थान दिलाया। वे अपने जीवन में समाज के प्रत्येक वर्ग के लिए एक समान रूप से प्रेरणा स्रोत बने रहे
युवाओं के प्रिय नेता:मोनू भैया
मोनू भैया की सबसे बड़ी पहचान उनके युवा समर्थकों के बीच थी। वे न केवल युवाओं के आदर्श थे, बल्कि उनके साथी और मार्गदर्शक भी थे। उनके चाहने वालों की टोली इतनी बड़ी थी कि उनके मित्रों का जिक्र मध्यप्रदेश के कई जिलों के इलाकों में आम था। उनके समर्थक उनकी तस्वीरें अपनी गाड़ियों और घरों में लगाकर उनके प्रति अपना सम्मान प्रकट करते थे।
*गरीबों के मसीहा.*
मोनू भैया गरीबों और वंचितों के लिए एक मसीहा थे। जनसुनवाई के दौरान हजारों परिवारों को न्याय दिलाने में उनकी भूमिका अहम रही। उनके द्वारा कराए गए समाजसेवी कार्यों में गरीब परिवारों के इलाज की व्यवस्था, बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर दिलाना और जरूरतमंदों की समस्याओं का समाधान करना प्रमुख थे।
उनके प्रयासों ने गोटेगांव के सैकड़ों परिवारों को न केवल न्याय दिलाया, बल्कि उन्हें एक नई आशा भी प्रदान की। यह उनकी सेवा भावना का ही परिणाम था कि उनके समर्थक उन्हें आज भी याद करते हैं।
*समाज में महत्वपूर्ण योगदान.*
मोनू भैया का समाज के प्रति योगदान बहुआयामी था। उन्होंने न केवल समाज की समस्याओं को समझा, बल्कि उनके समाधान के लिए सक्रिय प्रयास भी किए। उनके द्वारा संचालित सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने समाज को एकजुट करने का कार्य किया ।
मोनू भैया अपनी मित्र मंडली के लिए हमेशा उपलब्ध रहते थे। उनकी मित्रता और स्नेहपूर्ण स्वभाव ने उन्हें हर व्यक्ति के दिल के करीब रखा। उनकी विनम्रता, लगन और नेतृत्व क्षमता ने उन्हें एक कुशल नेता के रूप में स्थापित किया।
*आधुनिकता और सादगी का संगम*
स्वर्गीय मणिनागेंद्र सिंह अपने ग्लैमरस जीवनशैली के लिए भी जाने जाते थे। वे कार्यक्रमों और आयोजनों में अपनी उपस्थिति से एक अलग पहचान बनाते थे। उनके व्यक्तित्व में आधुनिकता और सादगी का अद्भुत समन्वय था।
वे सेल्फी और सोशल मीडिया के दौर में युवाओं के लिए आदर्श थे। उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उनके जीवन और कार्यशैली को लेकर युवा उन्हें फॉलो करते थे।
*आज भी हैं दिलों में जिंदा.*
मोनू भैया का असमय निधन उनके चाहने वालों के लिए एक बड़ी क्षति थी। लेकिन उनकी स्मृतियां और उनका योगदान आज भी लोगों के दिलों में जिंदा हैं। 28 दिसंबर को उनके जन्मदिवस पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए उनके समर्थक और परिवारजन उनकी विरासत को आगे बढ़ाने का संकल्प लेते हैं।
मोनू भैया का जीवन हमें यह सिखाता है कि समाजसेवा, नेतृत्व और सच्ची मित्रता से हम लोगों के दिलों में हमेशा जिंदा रह सकते हैं। उनकी स्मृतियां हमेशा प्रेरणा देती रहेंगी।
स्वर्गीय मणिनागेंद्र सिंह "मोनू भैया" को नमन
संवाददाता - रामबाबू पटैल, जिला नरसिंहपुर (मध्यप्रदेश)
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