श्योपुर| मध्यप्रदेश में इन दिनों तबादलों की रफ्तार तेज है। विभिन्न विभागों में कर्मचारियों और अधिकारियों के तबादले की सूचियां रोजाना जारी हो रही हैं। इसी क्रम में 16 जून की शाम श्योपुर जिला प्रशासन ने 21 पटवारियों के तबादले के आदेश जारी किए। दो अलग-अलग सूचियों में इन तबादलों की घोषणा की गई, लेकिन एक सूची ने सभी को चौंका दिया। इस सूची में एक ऐसे पटवारी का नाम शामिल था, जो वर्तमान में जेल में बंद है।
जानकारी के अनुसार, श्योपुर जिले में बाढ़ राहत राशि में गड़बड़ी के मामले में पटवारी हेमंत मित्तल जेल में बंद हैं। इसके बावजूद, उनकी पोस्टिंग विजयपुर तहसील से बड़ौदा तहसील में कर दी गई। इस लापरवाही ने जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सूत्रों का कहना है कि यह गलती प्रशासनिक चूक का नतीजा हो सकती है, क्योंकि तबादला सूचियां तैयार करते समय कर्मचारियों की स्थिति की ठीक से जांच नहीं की गई।
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स्थानीय लोगों और कर्मचारी संगठनों ने इस घटना पर आश्चर्य और नाराजगी जताई है। एक कर्मचारी संगठन के प्रतिनिधि ने कहा, "यह गंभीर लापरवाही है। जेल में बंद व्यक्ति का तबादला कैसे हो सकता है? यह प्रशासन की विश्वसनीयता पर सवाल उठाता है।"
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जिला प्रशासन ने इस मामले में सफाई देते हुए कहा कि यह एक तकनीकी त्रुटि थी, जिसे तत्काल सुधारने के निर्देश दिए गए हैं। कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए हैं और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है।
यह घटना सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बनी हुई है, जहां लोग इसे प्रशासनिक ढिलाई का उदाहरण बता रहे हैं। तबादला एक्सप्रेस की इस गलती ने मध्यप्रदेश के प्रशासनिक तंत्र की कार्यशैली पर एक बार फिर सवाल उठाए हैं।
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