चित्रकूट-: महिला सशक्तिकरण के तत्वावधान में आयोजित मैरिज हाल विद्यानगर कर्वी माफी कर्वी चित्रकूट में राष्ट्र माता सावित्रीबाई फुले जन्मदिन का जन्मदिन प्रकाशोत्सव के रुप में मनाया गया । कार्यक्रम में गयाप्रसाद बौद्ध ने त्रिसरण, पंचशील, बुद्ध वन्दना के साथ मोमबत्ती प्रज्वलित कर शुरू किया गया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रुप में नगीना शिक्षिका ने विचार रखते हुए कहा कि माता सावित्रीबाई फुले ने अपने पति के सहयोग से बालिकाओं के लिए 1848 ई.मे विद्यालय खोला , जब माता सावित्रीबाई फुले बालिकाओं एवं महिलाओं को पढ़ाने जाती थी तब उसी बस्ती की महिलाएं कीचड़, एवं गोबर फेंकती थी, लोग पत्थर मारते, भारत की आजादी से पहले समाज के अन्दर छुआ-छूत, सती प्रथा, बाल-विवाह कौर विधवा -विवाह जैसी कुरीतियां व्याप्त थी साबित्रीबाई फुले का जीवन बेहद ही मुश्किलो भरा रहा , महिलाओं के उत्थान के लिए काम करने छुआ-छूत के खिलाफ आवाज उठाने के कारण उन्हें एक बड़े वर्ग द्वारा विरोध भी झेलना पडा। कार्यक्रम में सैंकड़ों महिलाओं ने प्रतिभाग किया, प्रेमलता , संघमित्रा, याशिका, कल्पना भारतीय,कौशिल्यादेवी, अंजली,रानीबिट्टी ,सुमन रामरती सुशीला आकांक्षा भारतीय, अर्चना भारतीय, परी भारतीय सोनमणी , नीता देवी, पुष्पा देवी, सोनू देवी, शिवानी देवी नीलम देवी, शशि देवी, भैया लाल, संजय कुमार, सीताराम , रामानंद, राजबहादुर, रामनाथ, अजयपाल पूर्व मैनेजर, विनोद कुमार वर्मा, कार्यक्रम का संचालन प्रेमलता बौद्ध ने किया
संवाददाता - रामबाबू पटैल जिला सागर (मध्यप्रदेश)
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